आयुर्वेद

'आयुर्वेद' नाम का अर्थ है, 'जीवन से सम्बन्धित ज्ञान'। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।

आयुर्वेद का इतिहास

आयुर्वेद का इतिहास एक समृद्ध अतीत से भरा हुआ है, समृद्ध है और पुरातनताओं में गहराई से बैठा है। वेदों में आयुर्वेद नामक एक शाखा भी शामिल है जिसका अर्थ है “जीवन का विज्ञान”। इस प्रकार आयुर्वेद की यात्रा सबसे पुरानी और समग्र उपचार पद्धति के रूप में शुरू हुई। आयुर्वेद के इतिहास...

आयुर्वेद श्रेष्ठ है

WHO कहता है कि भारत में ज्यादा से ज्यादा केवल 350 दवाओं की आवश्यकता है | अधितम केवल 350 दवाओं की जरुरत है, और हमारे देश में बिक रही है 84000 दवाएं | यानी जिन दवाओं कि जरूरत ही नहीं है वो डॉक्टर हमे खिलते है क्यों कि जितनी ज्यादा दवाए बिकेगी डॉक्टर का कमिसन उतना ही बढेगा|एक बात...

जीवन में उपयोगी नियम (आयुर्वेदिक जीवन)

1. जहाँ रहते हो उस स्थान को तथा आस-पास की जगह को साफ रखो। 2. हाथ पैर के नाखून बढ़ने पर काटते रहो। नख बढ़े हुए एवं मैल भरे हुए मत रखो। 3. अपने कल्याण के इच्छुक व्यक्ति को बुधवार व शुक्रवार के अतिरिक्त अन्य दिनों में बाल नहीं कटवाना चाहिए। सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति...

आयुर्वेद और स्वास्थ्य

आहारभोजन , जल और वायु - आहार के मुख्य अंग हैं . आहार से ही तेज , उत्साह , स्मृति , ओज ( जीव शक्ति ) तथा शरीर - अग्नि की वृद्धि होती है .गीता में सात्विक आहार के विषय में कहा है , जो सभी मनुष्यों के लिए समान रूप से लाभप्रद है -रस्याः स्निग्धाः स्थिरा हृदया आहाराः सात्विकाह प्रियाः...

आयुर्वेद के अनुसार नियम

जीवन को जीना मात्र ही मनुष्य का उद्देश्य नहीं है, बल्कि सुखपूर्वक निरोगी जीवन बिताना आवश्यक है। आयुर्वेद के कुछ टिप्स अपनाकर आप सुखपूर्वक निरोगी जीवन व्यतीत कर सकते हैं। माना जाता है कि नियमपूर्वक इनके सेवन से।•  प्रात:काल ब्रह्ममुहूर्त (4-6 बजे ) के मध्य अर्थात सूरज उगने...

आहार और आयुर्वेद

आजकाल हम लोगो पर पोषण व आहार पर सूचना और सुझावों की बमबारी सभी दिशाओं हो रही हैं. अक्सर हम पूरी तस्वीर देखने में असमर्थ होते हैं व पेशकश करतों की विरोधाभासी प्रतीत होती सलाह द्वारा भ्रमित हो जाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार आहार व्यक्ति को इस भूलभुलैया के मध्य में से एक रास्ता खोजने...

आहार लेने के आयुर्वेदिक नियम

 दूध के साथ दही लें या नहीं?दूध और दही दोनों की तासीर अलग होती है। दही एक खमीर वाली चीज है। दोनों को मिक्स करने से बिना खमीर वाला खाना (दूध) खराब हो जाता है। साथ ही, एसिडिटी बढ़ती है और गैस, अपच व उलटी हो सकती है। इसी तरह दूध के साथ अगर संतरे का जूस लेंगे तो भी पेट में...

आहार लेने का उचित तरीका

१. उष्ण आहार लें - गर्म भोजन से जठराग्नि तेज होती है, भोजन शीघ्र पच जाता है। २. स्निग्ध आहार लें- स्निग्ध भोजन शरीर का पोषण, इन्द्रियों को दृढ़ और बलवान बनाता है। ३. मात्रा पूर्वक आहार लें- पाचन शक्ति के अनुकूल उचित मात्रा में भोजन स्वास्थ्यवर्धक होता है। ४. पचने...

आयुर्वेद के दोहे

 1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंयतत्काल।।3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह...