लीची

 सर्वप्रथम दक्षिण चीन में पहली शताब्दी के आसपास लीची की खेती शुरू हुई थी। लीची विटामिन सी और पोटेशियम का महत्वपूर्ण स्रोत है। लीची को पूरा पकने के बाद ही तोड़ा जा सकता है क्योंकि पेड़ से तोड़ लेने के बाद लीची के फल का पकना बन्द हो जाता है। 


यह छोटे आकार का और पतले और नरम कांटों के छिलके वाला फल है। इसका छिलका पहले लाल रंग का होता है और अच्छी तरह पक जाने पर थोड़े गहरे रंग का हो जाता है। अन्दर खूब मुलायम पारदर्शी से सफेद रंग का चमकदार पल्प होता है जो स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इस पल्प के अंदर कत्थई रंग का एक बड़ा बीज होता है। 


लीची पौष्टिक तत्वों का भंडार है। इसमें भरपूर विटामिन सी, पोटेशियम और शकर होती है। साथ ही पानी की मात्रा भी पर्याप्त होती है। गरमी में खाने से यह शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित रखते हुए ठंडक भी पहुंचाता है। दस लीचियों से हमें लगभग 65 कैलोरी मिलती हैं। 

लीची के फायदे


1) लीची में मिनरल्स, केल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम होते हैं जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।


2) लीची में विटामिन C पाया जाता है। हमारी त्वचा और शरीर के इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखता है।


3) लीची खाने से शरीर का रक्त स्वस्थ रहता है।


4) लीची में ब्रेस्ट कैंसर को रोकने की विशेषता पाई जाती है। 


5) इसे खाने से त्वचा स्वस्थ रहती है।


6)लीची में फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं।


7)लीची में एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में होते हैं। 


8) लीची खाने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है। 


विशेष : लीची का सेवन सीमित मात्रा में करें, अन्यथा यह नुकसानदेह भी साबित हो सकती है। 10-11 से ज्यादा लीची न खाएं। ज्यादा लीची का सेवन सिरदर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह शरीर में खुजली, जीभ तथा होंठों में सूजन और सांस लेने में कठिनाई भी पैदा कर सकता है।


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