मोच से पीड़ित रोग Strain

 परिचय: जब किसी व्यक्ति को अचानक चोट लग जाती है या किसी झटके के कारण उसकी पेशी तन जाती है या किसी दुर्घटना के कारण व्यक्ति की हडि्डयों के जोड़ों में दर्द होने लगता है तो इस अवस्था को मोच कहते हैं। हडि्डयों के बन्धन या झिल्लियों के फट जाने से जोड़ों से खून बहने लगता है, जोड़ कमजोर हो जाते हैं तथा उनमें दर्द या जलन होने लगती है तथा जोड़ में सूजन आ जाती है।


मोच आने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-


मोच का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी को अपने शरीर के मोच ग्रस्त भाग पर तेल से मालिश करनी चाहिए।

मोच से पीड़ित रोगी को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए।

शरीर के मोच से ग्रस्त भाग पर आधे घण्टे के लिए बर्फ लगानी चाहिए तथा यह क्रिया हर 2-2 घण्टे में करनी चाहिए इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

रोगी को अपने शरीर के मोच ग्रस्त भाग पर ठंडी पट्टी करनी चाहिए जिसके फलस्वरूप रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और खून का प्रवाह रुक जाता है और रक्त वाहिकाओं (खून की कोशिकाएं) के सिकुड़ने से सूजन कम हो जाती हैं और मोच ठीक हो जाती है।

रोगी को अपने मोच वाले भाग को ऊपर उठाकर रखने से सूजन कम हो जाती है।


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