परिचय: इस रोग के होने के कारण रोगी व्यक्ति की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है। वह किसी भी चीजों को पहचान नहीं पाता है अगर पहचानता भी है तो कुछ समय सोचने के बाद।
याददाश्त कमजोर होने का लक्षण : जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके सिर में हल्का दर्द रहता है, शोर बर्दाश्त नहीं होता है, एकाग्रता नहीं रख पाता है तथा वह किसी भी बात तथा किसी भी चीजों को याद नहीं रख पाता है।
याददास्त कमजोर होने का कारण :-
यह रोग दिमाग (मस्तिष्क) में रक्तसंचार की कमी हो जाने के कारण होता है।
बहुत अधिक समस्याओं में उलझे रहने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
सिर पर किसी दुर्घटना के कारण तेज चोट लगने तथा किसी दिमागी बीमारी के कारण भी यह रोग हो सकता है।
अत्यधिक मानसिक बीमारी होने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
याददाश्त कमजोर होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
इस रोग से पीड़ित रोगी को कॉफी, चाय, मैदा, कोला, शराब तथा मैदा और मैदा से बनी चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को संतुलित आहार जिसमें ताजी सब्जियां, फल, अंकुरित अन्न आदि हो उसका सेवन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है।
प्रतिदिन गाय के दूध में तिल को डालकर पीने से कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है।
अंगूर तथा सेब का अधिक सेवन करने से रोगी को बहुत लाभ मिलता है।
पांच-छ: अखरोट तथा दो अंजीर प्रतिदिन खाने से याददाश्त से सम्बन्धित रोग दूर हो सकते हैं।
रात के समय में बादाम या मुनक्का को भिगोकर सुबह के समय में चबाकर खाने से यह रोग ठीक हो जाता है।
बादाम, तुलसी तथा काली मिर्च को पीसकर तथा इन्हें आपस में मिलाकर फिर इसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन खाने से यह रोग ठीक हो जाता है।
तुलसी का रस शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से याददाश्त मजबूत होती है।
बादाम का तेल नाक में प्रतिदिन डालने से याददाश्त मजबूत होती है।
इस रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन जलनेति क्रिया करनी चाहिए तथा इसके बाद टबस्नान, कटिस्नान करना चाहिए तथा इसके बाद मेहनस्नान करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार की यौगिक क्रियाएं तथा योगासन हैं जिसे प्रतिदिन करने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। ये आसन तथा यौगिक क्रियाएं इस प्रकार हैं- भस्त्रिका प्राणायाम, नाड़ीशोधन, पश्चिमोत्तानासन, वज्रासन, शवासन, योगनिद्रा, ध्यान का अभ्यास तथा ज्ञानमुद्रा करने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
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