परिचय: जब किसी व्यक्ति को स्कर्वी रोग हो जाता है तो उसके मसूढ़ों से खून निकलने लगता है तथा उसके शरीर पर काले, नीले चकत्ते से पड़ने लगते हैं ये चकत्ते अधिकतर पैरों में पड़ते हैं। इसके अलावा इस रोग में रोगी व्यक्ति को चलने में दर्द होता है, उसके बाहरी अंगों पर सूजन हो जाती है। इस रोग से पीड़ित रोगी के शरीर में खून की कमी भी हो जाती है।
स्कर्वी रोग होने के कारण: स्कर्वी रोग अधिकतर शरीर में विटामिन `सी´ की कमी होने के कारण होता है। तनाव के कारण भी यह रोग हो सकता है क्योंकि तनाव विटामिन `सी´ की काफी मात्रा को काम में ले लेता है और शरीर में विटामिन `सी´ की कमी हो जाती है।
स्कर्वी रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
जब किसी व्यक्ति को स्कर्वी रोग हो जाता है तो इसका उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को अपने भोजन को संतुलित करना चाहिए। रोगी को भोजन में फल, हरी तथा पत्तेदार सब्जियां, दूध, गिरी, छाछ (मट्ठा) का अधिक प्रयोग करना चाहिए। जिसके परिणामस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
रोगी व्यक्ति को वह भोजन अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए जिसमें विटामिन `सी´ की प्रधानता हो। कुछ विटामिन `सी´ वाले पदार्थ इस प्रकार हैं- आंवला, नींबू, अनन्नास, संतरा, अमरूद, टमाटर, आम, हरी सब्जियां तथा अंकुरित अन्न आदि।
स्कर्वी रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सुबह तथा शाम के समय में पानी में नींबू का रस मिलाकर और फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर पिलाना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है।
आवंले के रस या आंवले को सूखाकर इसका चूर्ण बनाकर, इस चूर्ण को शहद के साथ प्रतिदिन दिन में 3 बार सेवन करने से स्कर्वी रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
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