स्वप्नदोष

 दूसरा कारण होता है कब्ज होने से मलाशय में मल सड़ना। स्वप्नदोष के रोगी को दो बातों का खयाल रखना चाहिए, एक तो दिमाग साफ रखना और दूसरा पेट साफ रखना।


दिमाग में यौन विषय का विचार तक न आने दें, कामुक चिंतन-मनन करना तो बहुत दूर की बात है। हमेशा दिमाग को अच्छे कामों और विचारों में उलझाए रखें, ताकि गंदे और यौन संबंधी कोई भी विचार आ ही न सकें, यही दिमाग साफ रखना कहलाता है।


कब्ज से बचने के लिए अपच से बचें। ये दोनों उपाय करते रहें तो बिना दवा सेवन किए भी स्वप्नदोष होना सदा के लिए बंद हो जाएगा, यह तो हुआ बगैर दवा का इलाज। इस प्रकार की व्याधि के लिए आयुर्वेदिक तरीके से इलाज का तरीका व दवा का परिचय यहां दिया जा रहा है


(1) पालक के पत्ते लगभग 250 ग्राम पानी से खूब धोकर सिल पर बिना पानी के पीस लें। एक मोटे साफ धुले हुए कपड़े को पानी में भिगोकर खूब अच्छी तरह निचोड़ लें, ताकि कपड़े में पानी न रहे। अब इसमें पिसी हुई पालक रखकर कपड़े को दबा-दबाकर पालक का रस एक कप में टपकाएं। सुबह खाली पेट यह रस, दन्त मंजन करने के बाद पी लें और आधा घंटे तक कुछ खाएं-पिएं नहीं। यह प्रयोग रोजाना 6-7 दिन तक करने से स्वप्नदोष होना बंद हो जाता है। यह एक आयुर्वेदिक परीक्षित नुस्खा है।


(2) नीम गिलोय के अंगुलभर आकार के तीन टुकड़े और तीन काली मिर्च सिल पर रखकर कूट-पीसकर खूब बारीक कर लें। इसे सुबह खाली पेट पानी के साथ पिएं। जब स्वप्नदोष होना बिलकुल बंद हो जाए, तब इसका सेवन करना बंद कर दें।


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