पेट में कीड़े Stomach Worm

 परिचय: शरीर के अन्दर आंतों की सफाई अच्छी प्रकार से न होने के कारण पेट में कीड़े हो जाते हैं जो मल के साथ गुदा-द्वार से बाहर निकलते हैं। ये कीड़े आकार में चावल भर की लम्बाई से लेकर 2 फुट तक लम्बे होते हैं और जब इनकी संख्या पेट में अधिक हो जाती है तो ये कभी-कभी मुंह से भी बाहर आ जाते हैं। ये कीड़े शरीर में खान-पान की गड़बड़ी के कारण से होते हैं। जब पेट में कीड़े हो जाते हैं तो रोगी व्यक्ति के पेट में कभी-कभी सूजन भी हो जाती है तथा पेट में दर्द भी होने लगता है।

पेट के कीड़ों को मारकर पेट से बाहर निकालने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-


गुनगुने पानी में नींबू का रस तथा सेंधानमक मिलाकर इस पानी से सुबह के समय में प्रतिदिन एनिमा क्रिया करनी चाहिए तथा इसके आधे घण्टे के बाद खुली हवा में हल्का व्यायाम करना चाहिए और केवल रोटी, कच्ची सब्जियां तथा फलों का भोजन करना चाहिए। लेकिन जब रोगी का यह रोग बहुत अधिक पुराना हो गया हो तो कम से कम 10 से 12 दिनों तक रोगी को केवल फल खिलाने चाहिए तथा पेट जब तक साफ न हो तब तक एनिमा लेना चाहिए। रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में घर्षणस्नान करना चाहिए इसके बाद रोगी को साधारण स्नान करना चाहिए और सुबह तथा शाम के समय में उदरस्नान करना चाहिए। रोगी को सप्ताह में 2 बार एप्सम साल्टबाथ भी दिया जाए तो यह रोग जल्द ही दूर हो जाता है।

रोगी के पेट के कीड़ों को मारने के लिए गुदाद्वार में तेल डालना चाहिए ताकि तेल गुदाद्वार से होते हुए आंतों में पहुंच जाए। इससे आंतों के कीड़े मर जाते हैं।

पीली बोतल के सूर्यतप्त जल का 3 भाग और हरी बोतल का सूर्यतप्त जल 1 भाग मिलाकर 25 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन दिन में 6 बार सेवन करने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।

अमर बेल को पीसकर पेट पर लेप करने से नारू कीड़े जो पेट में होते हैं वे मर कर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

बांस के कोमल अंकुर की पुल्टिस पेट पर बांधने से पेट के कीड़े मर कर पेट से बाहर निकल जाते हैं।

मोर के पंख को जलाकर उसकी उसकी राख को गुड़ में मिलाकर गोली बनाकर खाने से पेट के कीड़े मर कर बाहर निकल जाते हैं।


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