आमाशय में अम्लस्राव Stomach Inflammation

 परिचय: आमाशय में अम्लस्राव होने के कारण रोगी के पेट में दर्द तथा जलन पैदा होने लगती है। पाचनतंत्र के रोगग्रस्त होने के कारण पूरे पाचनतंत्र पर इसका असर होता है और एक अवांछित रासायनिक क्रिया होनी शुरू हो जाती है जिसके कारण बहुत से रोग पैदा हो जाते हैं और भोजन पचाने की क्रिया मंद हो जाती है।


उपचार- आमाशय की जलन रोग को दूर करने के लिए सबसे पहले आमाशय प्रक्षालन बहुत जरूरी होता है। जिसके लिए एक विशेष तरह की नली का उपयोग किया जाता है, जिसे वापसी नली कहते हैं। इस नली का काम पानी को आमाशय में पहुंचाना और दुबारा बाहर निकाल देना है। इसके लिए 85 से 100 डिग्री तापमान का पानी उपयोग में लाना जरूरी होता है।


पाचनशक्ति को बढाने के लिए गर्म-ठंडा प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। आन्तों की धुलाई पहले गर्म पानी से और फिर दुबारा ठंडे पानी से करनी चाहिए और यह ताप धीरे-धीरे कम करते रहना चाहिए। पानी को आंतों में देर तक न रखकर कुछ सैकंड के बाद ही बाहर निकाल देना चाहिए। इससे संचार में तेजी हो जाती है और आंतों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा आमाशय की जलन के सारे रोग दूर हो जाते हैं। 


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