कभी-कभी किसी को चक्कर आते हैं, बैठे रहने के बाद उठने पर आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है और चक्कर आते हैं। इस स्थिति में एक सफल सिद्ध नुस्खा प्रस्तुत है।
एक कड़वी, सूखी, लम्बी या गोल लौकी या तुम्बी जो पकने के बाद अपने आप सूख चुकी हो, लेकर इसे डण्ठल की तरफ से काट दें, ताकि अन्दर का पोला (खोखलापन) दिखाई दे।
इसके अन्दर बीज या सूखा गूदा हो तो हिला-हिलाकर गिरा दें। इसमें ऊपर तक पानी भर कर 12 घण्टे तक रखें फिर हिलाकर पानी निकाल कर साफ कपड़े से दो बार छान लें।
इस पानी को ऐसे बर्तन में भरें, जिसमें अपनी नाक डुबो सकें। नाक डुबोकर खूब जोर से साँस खींचें, ताकि पानी नाक से अन्दर चढ़ जाए।
दिनभर नाक से पानी टपकता रहेगा। पानी खींचने के बाद नाक नीची करके आराम करें। इस उपाय से यह व्याधि सदा के लिए नष्ट हो जाती है।
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